केंद्र एवं राज्य सरकार की सामूहिक पहल, अब छत्तीसगढ़ के सात कोयला खदान होंगे नीलाम...

केंद्र एवं राज्य सरकार की सामूहिक पहल, अब छत्तीसगढ़ के सात कोयला खदान होंगे नीलाम...




|ब्यूरो•रायपुर|से✍️शशी रंजन सिंह|केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा करते हुए बताया कि कोल मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ राज्य में वाणिज्यिक खदानों की नीलामी के तहत लगाई गई नौ खदानों में से पांच खदानों को तीन अन्य खदानों के साथ बदलने के सुझाव को स्वीकार कर लिया है, अब से वाणिज्यिक खनन के लिए राज्य में नीलामी के लिए रखी गई कुल खदानों की संख्या सात होगी! सभी नीलामी वाले खदानों के कोयले का कुल भंडार लगभग एक जैसा ही रहेगा, केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि रायपुर में मुख्यमंत्री के साथ बैठक अत्यंत ही सकारात्मक रही, इस बैठक के दौरान राज्य में कोयला खनन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई है!

अब छत्तीसगढ़ में नीलाम होंगे 7 खदान:


प्रहलाद जोशी को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) और नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एमईटी) को लेकर कुछ अच्छे सुझाव भी दिए हैं, जिन पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया गया है, प्रहलाद जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ पूर्व रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) की एक रेलवे लाइन को बदलने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों की एक समिति द्वारा 15 दिन में एक प्रस्ताव प्राप्त करने का भी निर्णय लिया गया है! वहीं सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) और छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों द्वारा डंपिंग फ्लाई ऐश के लिए खनन भूमि का उपयोग करने के लिए एक माह के भीतर एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोयला के खुदरा उपभोक्ताओं को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करानें के लिए राज्य एक नोडल एजेंसी भी बनाएगी!
प्रहलाद जोशी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन शुरू होने से छत्तीसगढ़ में प्रगति एवं विकास का नया युग शुरू होगा!
उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन के तहत राज्य को न्यूनतम एक वर्ष में 4,400 करोड़ रूपए का राजस्व मिलेगा. यह राज्य के लोगों के लिए लगभग 60,000 अतिरिक्त रोजगार भी पैदा करेगा.इसके अतिरिक्त वाणिज्यिक कोयला खनन राज्य के विभिन्न जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) कोष के लिए 25 करोड़ रुपये का योगदान देगा, जिसका उपयोग आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए किया जा सकेगा!
कोयला खनन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के भीतर चल रहा था विवाद पिछले महीने छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि राज्य के हसदेव अरंड जंगल में स्थित कोयला ब्लॉकों की नीलामी करने की अनुमति न दें, जिससे क्षेत्र में पर्यावरण को बचाया जा सके. कोयला मंत्री ने इस दौरान साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के कामकाज की भी समीक्षा की.उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में एसईसीएल द्वारा राज्य को 13,200 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है. इसके अलावा बढ़े हुए कोयला उत्पादन के साथ एसईसीएल अगले चार वर्ष में राज्य को लगभग 22,900 करोड़ रूपए का भुगतान करेगा!!!

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